श्री गौ चालीसा

श्री गौ चालीसा तैंतीस कोटि देवों का, गौ की देह में वास । रक्षा करती मातु सम, सबको तुमसे आस।। तव चरणन में तीर्थ सब, सेवन करते लोग। गौशालाएं तीर्थ हैं, करें ताप मिटें रोग।। जय जय जय गौमाता पावन । सुखदाता तुम दुःख नसावन।।।।। रूद्रों की तुम माँ कहलाती। वसुओं की बिटिया सुखदाती ।।2।। … Read more

shiv stuti in hindi

shiv stuti (श्री शिव स्तुति) श्री गिरजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरणाय , कहत अयोध्यादास तुम, मो पर होय सहाय॥ नन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी।नित संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं। गले मुंडमाला धारी सिर सोहे जटाधारी । वाम अंग में बिहारी गिरिराज सुतवारी हैं। दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर त्रिशूल चक्र … Read more

Shri bankebihari ji ki katha

श्री बाँकेबिहारी जी – श्रीस्वामी हरिदास जी महाराज जी द्वारा कैसे प्रकट हुए बिहारी जी ? bankebihari ji ki katha – श्री बिहारीजी महाराज के दर्शन तो आपने किये ही होंगे। मन्दिर के विशाल चौक में प्रवेश करते ही ऊंचे जगमोहन के पीछे निर्मित गर्भगृह में भव्य सिंहासन पर विराजमान -श्री बिहारीजी के दर्शन होते … Read more

ganga sagar ! सारे तीर्थ अनेक बार, गंगासागर एक बार।

ganga sagar गंगासागर की महिमा गंगासागर हिन्दुओं का दुर्लभ तीर्थ है जहां पहुंचना आम आदमी के लिए आज भी सहज नहीं है किन्तु हिन्दुओं के लिए गंगासागर की तीर्थ यात्रा जीवन में एक बार अत्यन्त आवश्यक है। देवर्षि नारद ने महाभारत में युधिष्ठिर को गंगासागर का माहात्म्य बतलाते हुए कहा था कि ‘गंगासागर में एक … Read more

श्री रामचरित मानस का महत्व

श्री रामचरित मानस और रामायण में अंतर श्री रामचरित मानस – तुलसीदास जी ने जब रामचरित मानस की रचना की, तब उनसे किसी ने पूछा कि बाबा! आपने इसका नाम रामायण क्यों नहीं रखा? क्योंकि इसका नाम रामायण ही है। बस आगे पीछे नाम लगा देते है, वाल्मीकि रामायण, आध्यात्मिक रामायण। आपने रामचरित मानस ही … Read more

durga maa – माँ दुर्गा के नौ रूपों में नौ औषधियाँ

अष्टभुजा दुर्गा durga maa – माँ दुर्गा अनादि सर्वव्यापक शक्ति का प्रतीक है। मानव ने जबसे होश संभाला है वह शक्ति की खोज करता चला आया है। अथवा कह सकते है मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए शक्ति का उचित प्रयोग एवं आवाहन करता आया है। इसी जगदाधार शक्ति का पूजन आज भी … Read more

Shri hanuman chalisa ! powerful path

Shri hanuman chalisa दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।  चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम … Read more

Jai Hanuman – katha shri ram bhakt hanuman ki

Jai Hanuman – साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।। Jai Hanuman Jai Hanuman – सनातन धर्म में देवी- देवताओं की पूजा का प्रचलन तो है ही अपितु जिन भगवान के सेवकों को भी श्रद्धा भाव से पूजा जाता है उनमें अंजनि पुत्र हनुमान जी सर्वोपरि हैं। कई भक्तजन तो हनुमान जी के माध्यम … Read more

श्री राम जन्म स्तुति

श्री राम जन्म स्तुति छं० – भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी । भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता । माया गुन ग्यानातीत अमाना बेद पुरान भनंता … Read more