श्री गौ चालीसा
श्री गौ चालीसा तैंतीस कोटि देवों का, गौ की देह में वास । रक्षा करती मातु सम, सबको तुमसे आस।। तव चरणन में तीर्थ सब, सेवन करते लोग। गौशालाएं तीर्थ हैं, करें ताप मिटें रोग।। जय जय जय गौमाता पावन । सुखदाता तुम दुःख नसावन।।।।। रूद्रों की तुम माँ कहलाती। वसुओं की बिटिया सुखदाती ।।2।। … Read more