केतु ग्रह (शस्त्रों का अधिनायक)

केतु ग्रह केतु पाप ग्रह होते हुए भी शुभ फल देता है। इसकी स्वराशि मीन, उच्चराशि धनु, नीचराशि मिथुन तथा सिंह मूल त्रिकोण राशि है। यह वृष, धनु और मीन राशि में बलवान होता है। इसका विशेष फल ४८ और ५४ वर्ष में मिलता है। केतु का भाव तमोगुणी और रूप मलिन है। यह शास्त्रों … Read more

राहु ग्रह (विनाश का कारक)

राहु ग्रह राहु उग्र स्वभावी व शत्रुनाशी ग्रह है। यह दक्षिण दिशा का स्वामी तथा विनाशवृत्ति को | लेकर संचरण करने वाला ग्रह है। इसे चांडाल भी कहा गया है। इसका वर्ण धुएं जैसा व वाहन शेर है। कन्या राशि पर इसका आधिपत्य स्वीकार किया गया है। सामान्यतया यह जिस भाव में बैठता है, वहां … Read more

शनि ग्रह (अंतर्मन का स्वामी)

शनि ग्रह बहुत क्रोधी स्वभाव का है। सूर्य का पुत्र होने पर भी शनि सूर्य से शत्रुता रखता है। यह भी सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शनि की सक्रियता का प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रभाव उपस्थित रहता है। शनि का वार शनिवार तथा रंग काला है। यह ग्रह नपुंसक है भाव न स्त्री है न … Read more

शुक्र ग्रह (दैत्य गुरु)

शुक्र ग्रह शुक्र ग्रह दैत्यों का गुरु है एवं शुक्र को शुभ ग्रह माना गया है। यह काम, प्रेम और सौंदर्य का देवता है। आग्नेय दिशा का अधिपति है। इसके द्वारा पत्नी-सुख, सौंदर्य, कामेच्छा, वाहन-सुख,संगीत और काव्य आदि का विचार किया जाता है। जन्म कुण्डली में अकेला यह अशुभ प्रभाव jiनहीं देता। शुक्र तुला राशि … Read more

बृहस्पति ग्रह (देवगुरु)

बृहस्पति ग्रह सबका का गुरु है। बृहस्पति को कालपुरुष का ज्ञान माना गया है। ग्रहमंडल में इसको मंत्री का पद प्राप्त है । यह शुभ ग्रह है तथा सुख-समृद्धि, संपदा और प्रतिभा का अधिष्ठाता है। इसकी स्वराशि धनु एवं मीन हैं। यदि इसकी स्थिति प्रतिकूल हो तो जातक को अनेक प्रकार के कार्यों में व्यवधान … Read more

बुध ग्रह (व्यवसाय प्रतिनिधि)

बुध ग्रह का दिन बुधवार है। बुध व्यवसाय का प्रतिनिधि ग्रह है। यह उत्तर दिशा का स्वामी और नपुंसक तथा त्रिदोषकारी है। मनुष्य के शरीर में कंधे से लेकर ग्रीवा तक इसका नियंत्रण होता है। अशुभ बुध के प्रभाव से जातक अविश्वासी,शंकालु और स्वार्थी प्रकृति का हो जाता है, जिसके फलस्वरूप समाज में उसकी प्रतिष्ठा … Read more

मंगल ग्रह – (युद्ध का देवता)

मंगल ग्रह मंगल ग्रह का वार मंगलवार है, रंग लाल है। मंगल चौथे व आठवें घर में अशुभ फलदाई है। जातक रक्त की कमी के कारण अनेक बीमारियों से ग्रस्त रहता है। उसकी आंखें खराब हो जाती हैं। जातक संतान से वंचित रहता है। विवाह संबंधी अड़चनें आती हैं। इसका निवारण अवश्य करवा लेना चाहिए। … Read more

चंद्र ग्रह (सौंदर्य का प्रतीक)

चंद्र ग्रह चंद्र ग्रह का दिन सोमवार है। रंग दूध के समान सफेद हैं। यह राहू से माध्यम एवं केतु से ग्रहण योग बनाता है एवं अशुभ फलदाई होता है। चंद्रमा पीड़ाहारी है। प्रजापति दक्ष ने अपनी २७ (27) कन्याओं का विवाह चंद्रमा से कर दिया था। चंद्रमा की ये २७ पत्नियां ही २७ नक्षत्रों … Read more

सूर्य ग्रह (ग्रहों के अधिपति)

सूर्य ग्रह सूर्य ग्रह का दिन रविवार है। सूर्य दसवें, सातवें व छठे घर में अशुभ फल देता है परन्तु ग्यारहवें, बाहरवें, नौवें, आठवें और पांचवें घरों में शुभ फल देता है। नवग्रहों में सूर्यदेव को राजपद प्राप्त है। सूर्य को पापीग्रह माना गया है। यद्यपि पृथ्वी पर इसके प्रभाव से ही अनाज, धातु तथा … Read more

तुलसी शालिग्राम – तुलसी महिमा शालिग्राम के महत्त्व का वर्णन

तुलसी शालिग्राम की कथा तुलसी शालिग्राम – नारद जी ने कहा: प्रभो! भगवान नारायण ने कौन-सा रूप धारण करके तुलसी से हास-विलास किया था ? यह प्रसंग मुझे बताने की कृपा करें। भगवान नारायण कहते हैं: नारद! भगवान श्री हरि देवताओं का कार्य-साधन करने के लिए वैष्णवी माया फैलाकर शंखचूड़ से कवच ले लिया। फिर … Read more