चिन्तपूरणी आरती लिरिक्स | Chintpurni Aarti

चिन्तपूरणी आरती

चिन्तपूरणी आरती

जय चिन्तपूरणी माता,चिन्ता हरो दाता,

जीवन में सुख दे दो,कष्ट हरो माता ( १ )

ऊँचा पर्वत तेरा, झण्डे झूल रहे,

करें आरती सारे, मन में फूल रहे (२)

सती के शुभ चरणों पर, मन्दिर है भारी,

छिन्न मस्तिका कहते, सारे संसारी (३)

माईदास एक ब्राह्मण, स्वप्न दरस दिये,

पूजा पिण्डी ध्याकर, आनन्द भाव किये (४)

बरगद पेड़ है दर पे, सुख भण्डार भरे,

घण्टे घन घन बाजे, जय जयकार करे ।५।

कन्या गाती दर पर, मधुर स्वरों में जब,

जिनको सुनके चिन्ता, मन की हटे मां तब ६।

पान सुपारी ध्वजा नारियल, छत्र चुन्नी संग में,

चन्दन इत्र गुलाबजल, भेंट चढ़े अंग में 1७।

विजय जीवन की मां, तुम हो रखवाली,

सेवक आरती करता, कर मैं लिए थाली |८।

चिन्तपूरणी की आरती PDF

shankar ji ki aarti

जिन्हें साथ सतगुरु तुम्हारा मिला है – भजन लिरिक्स