मंगल ग्रह
मंगल ग्रह का वार मंगलवार है, रंग लाल है। मंगल चौथे व आठवें घर में अशुभ फलदाई है। जातक रक्त की कमी के कारण अनेक बीमारियों से ग्रस्त रहता है। उसकी आंखें खराब हो जाती हैं। जातक संतान से वंचित रहता है। विवाह संबंधी अड़चनें आती हैं।
इसका निवारण अवश्य करवा लेना चाहिए। मंगल दोष के कारण दाम्पत्य जीवन नर्क समान हो जाता है। अत: विवाह से पूर्व कुण्डली मिलान कर लेना चाहिए। मंगल को कालपुरुष का पराक्रम माना गया है। इसे युद्ध का देवता भी कहते हैं ।
व्रत का नियम
यह हनुमानजी का व्रत है अत: मंगलवार को रखा जाता है।
व्रत वाले दिन संध्या के समय हनुमानजी का पूजन करने के बाद केवल एक बार भोजन करें। भोजन में मीठी चीजें ही खाएं।
पूजा में लाल पुष्प और मिष्टान्न चढ़ाएं। यह व्रत सभी प्रकार के सुखों को देने वाला है। व्रती के रक्तविकार दूर हो जाते हैं।
राज-सम्मान तथा पुत्र की भी प्राप्ति होती है। भक्त सदा हनुमानजी का कृपापात्र बना रहता है।इसी तरह रामायण का पाठ करने से भी हनुमानजी प्रसन्न रहते हैं।
यन्त्र एवं मन्त्र
मंगल यंत्र धारण करने से मंगल की पीड़ा का निवारण होता है। पराक्रम, शक्ति, उन्नति और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
मंगलवार को शुक्लपक्ष में भोजपत्र पर अनार की कलम और अष्टगंध से उपरोक्त यंत्र को लिखकर बाजू या गले में धारण करने से सभी प्रकार के दुष्प्रभाव दूर होते हैं। भूत-प्रेत का भय समाप्त हो जाता है।
मंत्र : ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
मंगलवार के दिन स्नानादि करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण कर देवालय या घर पर ही १० हज़ार की संख्या में उपरोक्त मंत्र का जप करने से पुत्र प्राप्ति, धन प्राप्ति, ऋण नाश, रोग शमन, उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।
उल्लेखनीय है १० हज़ार की संख्या में जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाने पर उसका ग्यारह माला जप नित्य करें ।
दान व स्नान
मसूर की दाल, रक्त चंदन, लाल वस्त्र, केसर, कस्तूरी, गुड़, गो घृत, गेहूं, लाल कनेर का पुष्प, मूंगा रत्न, पीले या लाल रंग की गाय अथवा लाल रंग का बैल, सुवर्ण आदि वस्तुओं का दक्षिणा सहित दान करें।
हींग, गोंदनी, मौलसिरी, खिरैटी, मालकांगनी, शिंगरफ, जटामांसी, लाल पुष्प, बेल की छाल तथा रक्त चंदन मिश्रित जल से स्नान करने पर भी मंगल ग्रह की शांति हो जाती है।
स्वामी पूजन
मंगल ग्रह के स्वामी हैं हनुमान जी। अतः हनुमान जी की उपासना से मंगल और भी मंगलदायी हो जाता है। ‘ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा’ इस अठारह अक्षरों वाले मंत्र का १० हजार जप करें।
सिद्धि प्राप्त होती है। तीन दिन तक १०८ मंत्र प्रतिदिन जप करने वाले के छोटे-मोटे रोग दूर हो जाते हैं। बाहरी हवा से मुक्ति मिलती है। ध्यान रहे कि हनुमान जी की पूजा-उपासना में, खान-पान आदि में संयम बरतना ज़रूरी है।
रत्न धारण
मूंगा मंगल का रत्न है। यदि जन्मकुंडली में मंगल शुभ भावों का स्वामी हो, तो ६ रत्ती भार रक्त आभायुक्त मूंगा ८ रत्ती भार की सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना शुभ फलदायक है।
टोटके व उपाय
हनुमान जी का व्रत रखें। सुंदरकांड, हनुमान बाहुक एवं हनुमान चालीसा आदि का पाठ करें।
लड्डुओं का भोग लगाएं।
सुरमा आंखों में लगाएं।
संध्याकाल गायत्री मंत्र का जाप करें।
तांबे की अंगूठी पहनें।
नित्य माता-पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
मीठी पूरियां गाय को खिलाएं और भिखारियों को बांटें।
अशुभ के कारण रोग-शोक हो तो बहते पानी में बतासों को प्रवाहित करें।
लाल पत्थर (अकीक) व लाल रुमाल अपने पास रखें।