अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे तो हम कैसे लिरिक्स

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे तो हम कैसे

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,


पतितो को पावन करते कृपानिधि,
किया पाप है इस सुयश के सहारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥


हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

ये माना अधम है अपावन कुटिल है,
सबकुछ है लेकिन प्रभु हम तुम्हारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

मन में राम बासले बोलो राम जय जय राम भोले राम लिरिक्स

लिखने वाले तू होके दयाल लिख दे

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