अजा एकादशी- एकादशी महात्म्य
कुन्तीपुत्र युधिष्ठिर बोले – “हे जनार्दन ! भाद्रपद कृष्णा एकादशी का क्या नाम है तथा उसकी विधि और माहात्म्य क्या है ?
सो सब विस्तारपूर्वक कहिये – “भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा- “हे युधिष्ठिर समस्त पापों का नाश करने वाली इस एकादशी का नाम अजा एकादशी है।
इसके व्रत के पुण्य प्रभाव से मनुष्य को सांसारिक पापों से मुक्ति मिल जाती है।
जो मनुष्य इस दिन भगवान हृषिकेश का पूजन करता है, उसको बैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।
अब मैं इसकी पुनीत कथा कहता हूँ, सो ध्यानपूर्वक सुनिए।”कथा – सतयुग में सूर्यवंश में हरिश्चन्द्र नाम के एक सत्यवादी राजा राज्य करते थे।
एक बार उन्होंने महर्षि विश्वामित्र को अपना सम्पूर्ण राज्य दान कर दिया और दक्षिणा चुकाने के लिए अपनी स्त्री, पुत्र तथा स्वयं को भी के श्रवणमात्र से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
फलाहार इस तिथि के दिन बादाम और छुआरे का सागार होता है।
बादाम और छुआरे से बने पदार्थ, मेवा आदि आहार में ले सकते है।