कर लेना तुम भजन राम भब से पार उत्तर जाओगे लिरिक्स

कर लेना तुम भजन राम भब से पार उत्तर जाओगे

कर लेना तुम भजन राम का
भव से पार उत्तर जाओगे,
मोह माया के इस चक्कर से,
पल में बाहर निकल जाओगे ।

इन आंखों की आदत बुरी है,
ताका झांकी करती है,
इनसे कराओं दर्श राम के,
भव से पर उतर जाओगे,
कर लेना तुम भजन राम का,
भव से पार उतर जाओगे,
मोह माया के इस चक्कर से,
पल में बाहर निकल जाओगे ॥

इन कानों की आदत बुरी है,
इधर उधर की सुनते है,
इन कानों की आदत बुरी है,
चुगली सुनते फिरते है,
इनको सुनाओ भजन राम के,
भव से पार उतर जाओगे,
मोह माया के इस चक्कर से,
पल में बाहर निकल जाओगे ॥

इस जिभ्या की आदत बुरी है,
चुगली करती फिरती है,
इस जिभ्या की आदत बुरी है,
सबकी चुगली करती है,
इससे गवांओ भजन राम के,
भव से पार उत्तर जाओगे,
कर लेना तुम भजन राम का,
भव से पार उतर जाओगे,
मोह माया के इस चक्कर से,
पल में बाहर निकल जाओगे ॥

इन हाथों की आदत बुरी है,
मारा पीटी करते हैं,
इनसे जलाओ दीप राम के,
भव से पार उत्तर जाओगे,
कर लेना तुम भजन राम का,
भव से पार उत्तर जाओगे,
मोह माया के इस चक्कर से,
पल में बाहर निकल जाओगे॥

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