कैसे चुकाऊँ इन साँसों का मोल रे जन्म देने वाले

कैसे चुकाऊँ इन साँसों का मोल रे जन्म देने वाले

कैसे चुकाऊँ इन साँसों का मोल रे जन्म देने वाले
तेरी कृपा से मिला मुझ को यह तन,
जिसमें बसाऊं तूने दिया जो मन,
तन की तो खोली आँखें मन की भी खोल रे
जन्म देने वाले प्रभु इतना तो बोल रे।
कैसे चुकाऊँ…..

मैंने किया न कोई दान धर्म,
छल से भरे मेरे तारें कर्म नाम भुलाया
मैंने तेरा अनमोल रे।
कैसे चुकाऊँ……

मद में हमेशा रहा मैं चूर चूर
सत्संग मंदिरों से भगवन रहा
मैं दूर दूर किसी से न बोले मैंने दो मीठे बोल
कैसे चुकाऊँ…..


जहाँ ले चलोगे वही मैं रहूंगा ||लिरिक्सप्रभु प्यारया नू नींद न आवे तेरी किवें अक्ख लग गई
सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयोंप्रभु नाम गुण गा कि सौदा सचा है | | लिरिक्स
दीवे दी लौ वरगा जिन्दगी दा खेल वे बुझ जाना दीवाहर रंग विच तेरा मैं नजारा वेखिया

Leave a Comment