खाली दामन तूने भर दिया तेरी नजरो से हम देखते
|| शायरी ||
तेरी चौखट पे खाली झोली में लायी हूँ
करम से मैं इसको भरने आई हु
कौन कहता है मुकद्दर खराब है मेरा
सच तो ये है के सबकुछ तुझी से पाई हु
भजन
मुझको जो शौहरत मिली है
हासिल वो तुमसे हुयी है
है चेहरे की मुस्कान तुझसे माँ
है वेदों की पहचान तुझसे माँ
हम मंगतो को सुल्तान कर दिया
खाली दामन तूने भर दिया भर दिया
तेरी नजरो से हम देखते दोजहां
तुझसे बढ़कर कहाँ है कोई भी यहा
काम बनता है अपना तुझी से माँ
छोड़ कर तेरे दर को हम जाये कहाँ
कोई ना कर सका वो तूने कर दिया
खाली दामन तूने भर दिया भर दिया
जिंदगी का वजूद तुझी से माँ
हर किसी का वजूद तुझी से माँ
बादशाहों का सर भी झुका है यंहा
गोद में तेरी खेले जमी आंसमा
जो भी माँगा है मैने सबकुछ दिया
खाली दामन तूने भर दिया भर दिया