जीवन तो भैया एक रेल है कभी पेसेंजर कभी मैल
जीवन तो भैया एक रेल है,
कभी पेसेंजर कभी मैल है,
जीवन तो भैया एक रेल हैं,
कभी पेसेंजर कभी मैल है।।
सुख दुख की पटरी पे दौड़ लगाती है,
मंज़िल तक हमको पहुचाती है,
सांसो का इसमे जब तक तेल है,
कभी पेसेंजर कभी मेल है,
जीवन तो भैया एक रेल हैं,
कभी पेसेंजर कभी मेल है।।
अच्छे कर्मो की टिकट कटा लेना,
पूछे तो टीटी दिखला देना,
बिना टिकट तो सीधी जैल है,
कभी पेसेंजर कभी मेल है,
जीवन तो भैया एक रेल हैं,
कभी पेसेंजर कभी मेल है।।
रिश्ते भी बनते और बिगड़ते है,
यात्री जो चढ़ते और उतरते है,
मैय्या के सिग्रल का ये खेल है,
कभी पेसेंजर कभी मैल है,
जीवन तो भैया एक रेल हैं,
कभी पेसेंजर कभी मैल है।।
जीवन तो भैया एक रेल है,
कभी पेसेंजर कभी मैल है,
जीवन तो भैया एक रेल हैं,
कभी पेसेंजर कभी मैल है।।