डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन सांझ भई मंदिर लिरिक्स

डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन सांझ भई मंदिर

डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन
सांझ भई मंदिर में डूब चलो दिन


काहे के मैया दियला बने हैं
काहे की लागी डोर मोरी मैया रे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन


सोने के मैया दियला बने हैं,
रूबा की लागी डोर मोरी मैया रे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन


कौन सुहागन दियरा जलावे
कौना ने डारी डोर मोरी मैया रे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन

सीता सुहागन दियरा जलावे
रामा ने डारी डोर मोरी मैया रे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन


कहां बनी मोरी माई की मढूलिया,
कौना है रखवार, मोरी मैया रे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन


ऊँची पहाड़िया माई की मढूलिया,
लंगुरे है रखवार मोरी मैया रे
डूब चलो दिन मायी डूब चलो दिन


डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन
सांझ भई मंदिर में डूब चलो दिन

सावन की रुत है आजा माँ हम झूता तुझे झुताएंगे लिरिक्स

साधु साध्वी चल रहे है विहार यात्रा में रोड पर

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