तुम उठो सिया सिंगार करो शिव धनुष राम ने तोड़ा है
तुम उठो सिया सिंगार करो
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
तोड़ा है तोड़ा है
सीता से नाता जोड़ा है……
शीश सिया के चुनर सोहे
टिके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो
शिव धनुष राम ने तोड़ा है……
हाथ सिया के चूड़ी सोहे
कंगन की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो
शिव धनुष राम ने तोड़ा है…..
कमर सिया के तगड़ी सोहे
झुमके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये
रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो
शिव धनुष राम ने तोड़ा है
लिखने वाले तू होके दयाल लिख दे
चोला माटी के हे राम एकर का भरोसा चोला माटी के हे लिरिक्स
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- पल्ले बन लै मना तू पूंजी राम नाम दी
- क्यों तू सुता राम भुला के उठ जाग बंदिया लिरिक्स
- तुम्हारे साथ हैं श्री राम तो तुम्हे किस बात की चिन्ता