तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे | tum Ruthe Raho Mohan

भजन- तुम रूठे रहो मोहन, हम तुम्हे मना लेंगे

तुम रूठे रहो मोहन, हम तुम्हे मना लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन,हम तुम्हें मना लेंगे,
अहो मै असर होगा,घर बैठे बुला लेंगे,
अहो में असर होगा,घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना,
लेंगे तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,

तुम कहते हो मोहन मुझे मधुबन प्यार है,
तुम कहते हो मोहन मुझे मधुबन प्यारा है,
एक बार तो आ जाओ मधुबन भी बना देंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन,हम तुम्हे मना लेंगे,


तुम कहते हो मोहन मुझे राधा प्यारी है,
एक बार तो आ जाओ राधा से मिला देंगे,
एक बार तो आ जाओ राधा से मिला देंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,

तुम कहते हो मोहन मुझे माखन प्यारा है,
तुम कहते हो मोहन मुझे माखन प्यारा है,
एक बार तो आ जाओ माखन ही खिला देंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,

तुम कहते हो मोहन मुझे कहां बिठाओगे,
तुम कहते हो मोहन मुझे कहां बिठाओगे,
इस दिल में तो आ जाओ पलकों पर बिठा लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,

तुम हमको ना चाहो,इसकी हमें परवाह नहीं,
तुम हमको ना चाहो इसकी हमें परवाह नहीं,
हम वादे के पक्के तुम्हें अपना बना लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे,

लगी आग जो सीने में,
तेरी प्रेम जुदाई की,हमें प्रेम की धारा से लगी दिल की बुझा लेंगे, तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,
आहो मैं असर होगा घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे,

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