दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी नींद नू छड़
दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी
नींद नू छड़ के प्रभु नाम जप नी।
उठ के सवेरे कहा जल्दी जल्दी नहां लवां
चौंके बिच जा के चार रोटियां पका लवां
हर वेले तैनू रहिंदी कम्मां वाली तक नी
दिन तेरे बन्धुवा….
वेहली होवे जदो कहे मैलियाँ नू धो लवां
थोड़ा समां मिले मैं सी लवां पिरो लवां
हर वेले रहिंदी कम्मां वाली खप्प नी
दिन तेरे बन्धुवा….
खाई जा पकाई जा होरां दे कम्म आई जा,
जिनां चिर शक्ति रिश्तेदारां नू रजाई जा,
अन्त वेले आवना न किसे तेरे कम नी।
दिन तेरे बन्धुवा….
सतगुरु कहंदे नी तू हरि गुण गाया कर,
जिस ने तैनू पैदा कीता उस नू ध्याया कर,
हर वेले प्रभु दा शुक्र गुजार नी
दिन तेरे बन्धुवा….
हर वेले रहंदा तैनू कमां दा ध्यान नी,
सारी रात सुती रहें लम्बी चादर तान नी,
सिर ते फुंकारा मारे काल वाला सप्प नी,
नींद नू छड़ के प्रभु नाम जप नी।
दिन तेरे बन्धुवा….