माँ ब्रह्मचारिणी
जै अम्बे ब्रह्मचारिणी माता । जै चतुराणन प्रिय सुख दाता ।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो ।
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा । जिस को जपे सकल संसारा।
जै गायत्री वेद की माता । जो जन निस दिन तुम्हें ध्याता ।
चमन लालकमी कोई रहने न पाए।कोई भी दुःख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने । जो तेरी महिमा को जाने ।
रुद्राक्ष की माला लेकर। जपे जो मन्त्र श्रद्धा देकर।
आलस छोड़ करे गुणगाना ।मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम । पूर्ण करो सब मेरे काम ।
‘चमन’ तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी ।
तीसरी ‘चन्द्र घंटा शुभ नाम – माँ चंद्रघण्टा
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ- चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
- श्री दुर्गा स्तुति प्रारम्भ
- प्रसिद्ध भेंट माता जी की (मैया जगदाता दी)
- सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना
- श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना ( श्री गणेशाय नमः)
- श्री दुर्गा कवच
- श्री मंगला जयन्ती स्तोत्र
- श्री अर्गला स्तोत्र नमस्कार
- कीलक स्तोत्र
- विनम्र प्रार्थना
श्री दुर्गा स्तुति अध्याय
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