नर्मदे नर्मद माँ नमो नर्मदे कोई बस्ती ना थी लिरिक्स

नर्मदे नर्मद माँ नमो नर्मदे कोई बस्ती ना थी

माँ पतितपावनी हे माँ जगतारिणी
माँ मगरवाहिनी नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे


कोई बस्ती ना थी और ना घर भी ना था
कोई ना घर भी ना था और मंदिर ना था
लाखो बरसो था पहले समंदर यहाँ
ही प्रलयकाल में ही प्रलयकाल में
थी मगर नर्मदे नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे

पाप कट जाते है एक ही स्रान से
मुक्ति मिल जाती है तेरे गुणगान से
लोग होते तपी माँ तेरे ध्यान से
तू है भवतारिणी तू है भवतारिणी
रेवा माँ नर्मदे नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे


तन को शीतल करे मन को निर्मल करे
दिन दुखियो की माँ रेवा संकट हरे
खाली झोली है जिनकी तू झोली भरे
है चमत्कारी माँ है चमत्कारी माँ माँ
मेरी नर्मदे नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे

सावन की रुत है आजा माँ हम झूता तुझे झुताएंगे लिरिक्स

साधु साध्वी चल रहे है विहार यात्रा में रोड पर

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