नी तू अन्दरों प्रीतम टील अखियां बंद करके लिरिक्स

नी तू अन्दरों प्रीतम टील अखियां बंद करके

नी तू अन्दरों प्रीतम टील, अखियां बंद करके,
क्यों तू फिरदी डावांडोल अखियां भर भर के।

आ के देख लै नी जिन्दे, गगन मंडल च फिरन
परिन्दे तू वी अपने परां नू खोल अखियाँ बंद करके।
नी तू अन्दरों। …

घर अन्दर तेरे रहबर वसदा,
आपे बसदा आपे वसदा नी
तू घुँघट दे पर खोल अखियां बंद करके।
नी तू अन्दरों। …


जग विच तेरा कोई न तनया,
ऐवे ताना बाना बुनिया,
नी तू अपनी मंजिल टोल अखियां बंद कर के।
नी तू अन्दरों। …

गुरु कृपा बिन जाल न करदा,
अखियों तो न पर्दा हट दा
नी तू अन्दरों प्रभु नू टोल अखियां बंद करके।
नी तू अन्दरों। ….

सत्गुरु दा जो लवे सहारा,
उसनू मिल जावे पार किनारा
तेरे देनगे बन्धन खोल तर जाएगा मर मर के।
नी तू अन्दरों। ..


प्रभु बँधे हुए खींचें हुए चले आयेंगे लिरिक्सआँखें बंद करूँ या खोलू मुझ को दर्शन दे दो राम
पल्ले बन लै मना तू पूंजी राम नाम दीहम तो दीवाने हो गए माँ भजन लिरिक्स
क्यों तू सुता राम भुला के उठ जाग बंदिया लिरिक्सप्रेम बिना फिरती नहीं है माला हरी के नाम की

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