पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार
पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार
आँचल मेरा छलक रहा है बहे दूध की धार
कन्हैया मेरा रोता होगा, लाल मेरा रोता होगा
सात सुतों की बलि चढ़ाई, कंस राजा के द्वार
आठों में जो कृष्ण हुआ, वो गया नंद के द्वार
लाल मेरा रोता होगा पंख जो होते..
मेरे लाल की रक्षा करना विनती बारम्बार,
बहन यशोद्धा तुम को मैं दूँगी दुआ हज़ार।
लाल मेरा रोता होगा लाल मेरा सोता होगा।
पंख जो होते..
मेरे कन्हा, मेरे मोहन, मेरे कृष्ण मुरार,
ठुमक ठुमक कर चलता होगा पकड़-2 दीवार
लाल मेरा गिरता होगा, लाल मेरा रोता होगा।
पंख जो होते…………