पम्पासुर के घाट घाट पर शबरी करे पुकार राम घर आ जाना

पम्पासुर के घाट घाट पर शबरी करे पुकार राम घर आ जाना

पम्पासुर के घाट घाट पर शबरी करे पुकार
राम घर आ जाना राम घर आ जाना राम
आसन नहीं है चौंकी नहीं है, कैसे तूझे बिठाऊँगी-2
हरी हरी है घास, है पड़ा पुराना टाट
राम घर आ जाना पम्पासुर के…..

दूध नहीं है छाछ नहीं है, क्यों मैं पिलाऊँगी
क्या मैं गंगा बहती पास, साथ में लोटा मेरे हाथ,
राम घर पम्पासुर के…..

फल नहीं है मेवा नहीं, क्या मैं तुझे खिलाऊँगी
हरे हरे है, पेड़ पर खट्टे मीठे बेर,
राम तू आ जाना पम्पासुर के…..

तप नहीं है संयम नहीं है कैसे तुझे रिझाऊँगी
हृदय बस पास बह रही भक्ति धार राम घर आ जाना।
दर्श दिखा जाना पम्पासुर के…..


तुम्हारे साथ हैं श्री राम तो तुम्हे किस बात की चिन्ताजदों मन तेरा डोले गुरु नू याद करिया कर लिरिक्स
कोई उज्जवल कर्मा वाले सतगुरु दे वेहड़े वड़दे नेगणपति गणेश जय-जय गौरी के लाला
पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वारलुक लुक जिन्हां उते मेहरां करदे||कृष्णा भजन







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