बेर तोड़ तोड़ झोली विच पावे भिलनी कंडा चुबे लिरिक्स

बेर तोड़ तोड़ झोली विच पावे भिलनी

बेर तोड़ तोड़ झोली विच पावे भिलनी

कंडा चुबे ते राम राम करे भिलनी
बेर तोड़ तोड़ झोली विच पावे भिलनी
कंडा चुबे ते राम राम करे भिलनी

असा सुनिया के राम साड़ी गली आये ने
उत्थे रस्ते साफ करावे
भिलनी कंडा चुबे…

राम लयी घर बार ते संसार छड़या
फुल पत्तिया दी झोपडी बनावे
भिलनी कंडा चुबे..

सुनिया के राम साड्डे घर आये ने
खट्टे मीठे वैर राम जी नु खिलावे
भिलनी कंडा चुबे…

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