महा काली स्तोत्र – कलह कलेश चिंता से बचने के लिए पढ़े।
महा काली स्तोत्र
जय शक्ति जय जय महाकाली।जय शक्ति जय जय महाकाली।
आदि गणेश मनाऊं दाती । चरण्ण सीस निवाऊं दाती।
तेरे ही गुण गाऊं दाती। तू है कष्ट मिटावन वाली।
जय शक्ति जय जय महाकाल जय शक्ति……….
खण्डा दायें हाथ बिराजे बायें हाथ में खप्पर साजे ।
द्वारे तेरे नोबत बाजे। मुण्डन माल गले में डाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति………
महाकाल से रक्षा करती। धन से सदा भण्डारे भरती ।
दासों के दुःखो को हरती। साथ फिरे करती रखवाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति………
चण्ड मुण्ड का नाश किया था। देवों को वरदान दिया था।
रक्तबीज का रक्त पिया था। रक्तदन्ता कहलाने वाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति………
भद्रकाली तू आद कंवारी। मात वैष्णो सिंह सवारी।
चण्डी अम्बा जगमहतारी। चिन्तपूर्णी ज्वाला बलशाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति…
तीन लोक विस्तार तुम्हारा। दशों दिशाओं तेरा पसारा ।
जगसारा बोले जयकारा। जय जय उच्चयां मन्दिरां वाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति..
सभी देवता तुझको ध्यावें । तेरा ही स्तोत्र गावें।
हर मुश्किल में तुम्हें बुलावे। तू है विजय दिलावन वाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति..
मेरे मन की जानो माता। मेरा दुःख पहचानो माता।
मेरी बिनती मानो माता। दर से न ही फेरो खाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति…
दासों का तुम ख्याल ही रखना। ‘चमन’ को भी खुशहाल ही रखना।
मैय्या माला माल ही रखना । सब की आस पुजाने वाली।
जय शक्ति जय जय महाकाली। जय शक्ति..
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ- चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
- श्री दुर्गा स्तुति प्रारम्भ
- प्रसिद्ध भेंट माता जी की (मैया जगदाता दी)
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- विनम्र प्रार्थना
श्री दुर्गा स्तुति अध्याय
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