महिमा का गुणगान करेगा जितना, सुख पाएगा उतना
तर्ज : तुमने मुझको प्यार दिया है जितना – कौन करेगा इतनाटेक : महिमा का गुणगान करेगा जितना, सुख पाएगा उतना चरण कमल का ध्यान करेगा जितना, सुख पायेगा उतना
1.मन माया ने जग जीवों को बिन दाँतो के खाया जोगी जंगम तपी तपीश्वर कोई बच नहीं पाया बच जाएगा-गुरु के शब्द पर कान धरेगा जितना – सुख पायेगा।
2. साथ न देंगे संगी साथी महल खज़ाने तेरे नाम गुरु का अन्त सहाई जप ले सांझ सवेरे सुमिरन भजन से मन का दर्पण साफ करेगा जितना सुख पायेगा।
3. माटी का यह खेल खिलौना माटी हो जायेगा नाम भजन बिन आखिर बन्दे काम न कुछ आयेगा है फरमान यह सत्पुरुषों का याद रखेगा जितना, सुख पायेगा ।
4. सत्संग सेवा करले वरना धोखा खा जायेगा बार बार ऐसा शुभ अवसर हाथ नहीं आयेगा परमारथ के लिये तू प्रेमी यत्न करेगा जितना-सुख पायेगा।
5. क्या पायेगा हरिद्वार से क्या देगी तुझे काशी श्री आनन्दपुर में सुशोभित है सच्चिदानन्द सुख राशी गुरू की ज्योर्तिधारा में अश्नान करेगा जितना सुख पायेगा।
6. खैंच के सुरति डोर जगत से गुरु संग प्रीत बढ़ा ले जाग उठे शिव नेत्र तेरा ऐसा ध्यान लगा ले सुरत शब्द अभ्यास में दासा मग्न रहेगा जितना- – सुख पायेगा उतना ।