माँ अंजनी के लाल कलयुग कर दियो निहाल लिरिक्स

माँ अंजनी के लाल कलयुग कर दियो निहाल

माँ अंजनी के लाल
कलयुग कर दियो निहाल
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

शिव शंकर के अवतार
मेरे बालाजी सरकार
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

तू माँ अंजनी का जाया
शिव अवतारी कहलाया
पाकर के अदभुत शक्ति
संसार में मान बढाया

तेरी सूरत कुछ कपी सी
कुछ मानव सी सुहाय
मन में राम समाए
और तन सिंदूर रमाये
तेरी छाती बज्र समाये
तुम श्री राम के सेवक हो

जब हरण हुआ सीता का
कुछ पता नही लग पाया
तूने जा के लंका नगरी
माँ सीता का पता लगाया
तूने राक्षस सब पछाड़े
पहले गरजे फिर दहाड़े
सबको मिलकर दिए पछाड़

माँ अंजनी के लाल
कलयुग कर दियो निहाल
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

संतन के कारज आप खलोया

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