
भजन – माँ चिंतापुरनी नाल मेरे
माँ चिंतापुरनी, नाल मेरे,
फिर मैनु चिंता किस गल दी ॥
माँ, फ़िक्र करे, मेरे आज कल की,
मेरी, हर गल दी मेरे पल पल दी…
माँ चिंतापुरनी नाल मेरे,
फिर मैनु चिंता, किस गल दी ॥
तू, सिर पे जद दा, हाथ रखेया,
मेरी बल्ले बल्ले, कर दीती ॥
तेरे, चरणों दे चिच, बैठ्या दी,
ज़िंदगी सुकून नाल, भर दीती ॥
तेरा, नाम ले के, काम काज चले,
परिवार चले, ते नब्ज़ चलदी…
माँ, चिंतापुरनी, नाल मेरे, फिर,
मैनु चिंता, किस गल दी ॥
मेरे, अपनेया नू तू खुश रखी,
ते गैरों ते भी मेहर करी ॥
जिसदी, ज़िंदगी, काली रातां दी
उसदी, ज़िंदगी विच सवेर करी ॥
एक, जोत तेरी माँ, सदिया तो,
हर, रूहदे विच, पई जगदी…
माँ, चिंतापुरनी, नाल मेरे
फिर, मैनु चिंता, किस गल दी ॥
माँ, बिनती एक कबूल करो,
मेरे, हाथों पुण्य ही, हों सदा ।
तेरे, नाम दे, जागरण माँ,
हर, शहर च हुन्दे, रेहण सदा ॥
रवि, राज, संजीव, दुआ करदे,
यहाँ, सबकी रोटी, रहे चलदी….
माँ, चिंतापुरनी, नाल मेरे, फिर
मैनु चिंता, किस गल दी ॥