
मायें नी मेरी वार क्यों
लाइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ ने होर
मैं गल्लां बथेरियाँ ॥
मुँह फेर बैठे संगी साथी
जिहना ते मान सी,
जिहना दे उतो वार दित्ती
अपनी मैं जान सी
करदे ने साडे नाल ओह
अज्ज हेरा फेरियां,
आजा करनियाँ ने होर
मैं गल्लां बथेरियाँ ॥
इन्ना दित्ता द्वार तों
आसां क्यों रोलियाँ
किन्नेयां नू मायें देनी ये
भर भर के झोलियां
मेरे पल्ले काहनूं पाइयाँ ने
ज़ालिम हनेरियाँ,
आजा करनियाँ ने होर मैं
गल्लां बथेरियाँ ॥
मुँह मोड़ बैठी काहदे तों
तक्क के कंगाल नू
इक वार वी न पुछेया
माँ सद्द के तू लाल नू
डिग्गेया द्वारे तेरे ते
होइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ ने होर
मैं गल्लां बथेरियाँ ॥