मुझे चढ़ गया भगवा रंग जिसे देख जमाना हो गया दंग
ये भगवा रंग, रंग रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के नाने रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
ये भगवा रंग है ऋषि मुनि,
और संतो का,
हिन्द के वीर बलियो का,
और महंतो का,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुद्दों चढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
ये रंग रंग लिया माँ भारती के,
वीर लालो ने,
नही घुल सकता है ता जिंदगी,
नदियों ना तालों में,
मुझें चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझें चढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
ये वो रंग है जो जनक लली के,
मस्तक से आया है,
जिसे अंजना के लल्ला ने,
चोले में लगाया है,
मुझे बढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे बढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
ये वो रंग है जो श्री राम जी के,
मन को भाया है,
अवध को छोड़ते समय प्रभु ने,
तन रंगाया है,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
सुनो जी पार्थ को भारत भूमि में,
यह रंग चढ़ गया,
न्याय और नित के पीछे वो,
अपनो से लड़ गया,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग ।।
ये भगवा रंग, रंग रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग।।