मूषक सवारी लेके आना
मूषक सवारी लेके आना गणराजी,
रिद्धि सीधी को ले आना
आके भोग लगाना मेरे आंगन में..
मूषक सवारी लेके आना गणराजा
लाल सिंधुर का टिका लगा के
पान और फूल चड़ाउ,
मोदक लडूवन से भर थाली
तुम को भोग लगाउ,
देख तुम्हारी महिमा निराली
गाउ बारम्बार हो,
कारज मेरे सब शुभ कर जाना
रिद्धि सीधी को ले आना
आके भोग लगाना मेरे आंगन में….
मूषक सवारी लेके आना गणराजा
सुख करता तुम दुःख के हरता
सब के प्यारे गणेश हो,
प्यार दुलार हमेशा रहे
प्रभु ना हो कोई कलेश हो,
सब की नईया पार
किये हो मुझको भी दो तार,
चरणों मे तेरा प्रभु मेरा हो ठिकाना,
रिद्धि सीधी को ले आना
आके भोग लगाना मेरे आंगन में,
मूषक सवारी लेके आना गणराजा