मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी

मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी

★ वृन्दावन जाऊँगी ★

 मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी । 
बाजे मुरली यमुना तीर सखी वृन्दावन जाऊँगी || 

श्याम सलौनी सूरत की दीवानी हो गयी । 
मैं कैसे धाऊँ धीर सखी वृन्दावन जाऊँगी ॥१॥ 

मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी । 

छोड़ दिया मैंने भोजन पानी श्याम की याद में । 
मेरे नैनन वरसै नीर सखी वृन्दावन जाऊँगी ॥२ ॥ 

मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी । 

इस दुनिया के रिश्ते नाते सब ही छोड़ दिये । 
मैं कैसे दिखाऊँ दिल वीर सखी वृन्दावन जाऊँगी ॥३ ॥ 

मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी । 

नैन लड़े गिरधर से मै तो "पागल" कर डारी ।
दुनियाँ ते भयो आखीर सखी वृन्दावन जाऊँगी ॥ ४ ॥

मेरे उठे विरह की पीर सखी वृन्दावन जाऊँगी । 
मेरे उठे विरह की पीर

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