मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे अषाढ़ उमड़ घन गरजे सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
उड़े गुलाल लाल भये बादर, सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
भादवं बिजुरी तड़ा – तड़ तडके -4 वै तो भरी आये चहुँ दिशि नीरा, बिना रघुवीरा,
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे कुआर उमड़ भये बरखा कार्तिक निर्मल नीरा,
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मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा pdf
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