मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे अषाढ़ उमड़ घन गरजे सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
उड़े गुलाल लाल भये बादर, सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
भादवं बिजुरी तड़ा – तड़ तडके -4 वै तो भरी आये चहुँ दिशि नीरा, बिना रघुवीरा,
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे कुआर उमड़ भये बरखा कार्तिक निर्मल नीरा,
बोले हुए शब्द वापस नहीं आते – शिक्षाप्रद कहानी
मत मारो श्याम पिचकारी लिरिक्स || Holi Bhajan
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा pdf
- रोटी खा ले ठाकुरा मैं मर जाणा सिर चढ़ के लिरिक्स
- श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम लिरिक्स
- एक राधा एक मीरा लिरिक्स | Ek Radha ek meera Lyrics
- जरा बंसी बजा मोहना हम रास रचाएंगे लिरिक्स
- पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार