ये दुनिया गोरख धंधा है सब जग माया में अँधा है
जो प्रेम गली में आए नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,
जिसने कभी प्रेम किया ही नहीं,
वो प्रेम निभाना क्या जानें,
जो वेद पढ़े और भेद करे,
मन में नहीं निर्मलता आए,
कोई कितना भी चाहे ज्ञान कहे,
भगवान को पाना क्या जाने,
जो प्रेम गली में आये नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,
ये दुनिया गोरख धंधा है,
सब जग माया में अँधा है,
जिस अंधे ने प्रभु को देखा नहीं,
वो रूप बताना क्या जाने,
जो प्रेम गली में आये नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,
जिस दिल में ना पैदा दर्द हुआ,
वो जाने पीर पराई क्या,
मीरा है दीवानी मोहन की,
संसार दीवाना क्या जाने,
जो प्रेम गली में आये नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,
जो प्रेम गली में आए नहीं,
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने,
जिसने कभी प्रेम किया ही नहीं,
वो प्रेम निभाना क्या जानें,
जो प्रेम गली में आए नही ॥
तुम उठो सिया सिंगार करो शिव धनुष राम ने तोड़ा है लिरिक्स
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