राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते लिरिक्स- Hanuman bhajan

राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते

राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते,
राम जी के पुरे कभी, काम नहीं होते,
होते रे, होते।
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते,
राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते।

हनुमान पर्वत उठा कर ना लाते,
भला, कैसे संजीवन सुषेण वैद्य पाते,
प्राण जाते लक्षण के राम रहते रोते,

राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते,
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते,
राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते।

लंका में अगर हनुमान नहीं जाते,
और राम की शरण में विभीषण ना आते,
रावण से विजय श्री राम नहीं होते,

राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते,
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते,
राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते।

रावण की लंका अगर ना जलाते,
हनुमान विकराल रूप ना दिखाते,
सीता रह जाती वहीँ राम उन्हें खोते,

राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते,
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते,
राम जी के पूरे कभी, काम नहीं होते।

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