वो है जग से बेमिसाल सखी माँ शेरोवाली कमाल सखी
वो है जग से बेमिसाल सखी,
माँ शेरोवाली कमाल सखी,
री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल
सखी रे तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ,
जो सच्चे दिल से द्वार मैया के जात है
वो मूह माँगा वर जगजननी से पाता है,
फिर रहे ना वो कंगाल सखी
हो जाए मालामाल सखी
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल
सखी रे तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ,
माँ पल पल करती
अपने भक्तो की रखवाली,
दुख रोग हरे इक पल में माँ शेरोवाली,
करे पूरे सभी सवाल सखी,
बस मन से भरम निकाल सखी
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल
सखी रे तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ,
मा भरदे खाली गोद के आंगन भर दे रे,
ख़ुशीयो के लगादे ढेर सुहागन कर दे रे,
माँओको देती लाल सखी
रहने दे ना कोई मलाल सखी
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल
सखी रे तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ,
हर कमी करे पूरी माँ अपने प्यारो की
लंबी है कहानी मैया के उपकारों की,
देती है मुसीबत टाल सखी
कहा जाए ना सारा हाल सखी
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल
सखी रे तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ,