सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों

सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों


सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों
नी मैं भजदी सी जंगलां पहाड़ियां नी
मैं भजदी सी मंदिरां ते माड़ियां
अन्दर बैठे ने आया न ख्याल नी सइयों
सत्गुरु पाया….

औखे वेले नू जदो वी पुकारिया,
बाँह फड़ के उन्हां ने मैनूं तारिया,
ओह करदे ने हरदम बेड़ा पार नी सइयों
सत्गुरु पाया…

मेरा पल-2 रखदा ख्याल जी,
जिहड़ा याद करें उसदे नाल जी,
उह तां रहिंदा ए मेरे अंग संग नाल नई सइयों
सत्गुरु पाया…

जिन्हां सुटिया गुरु ते डोरा,
उन्हें किस गल दीयां ने थोड़ा।
ऐसा करदा हरदम मालोमाल नी सइयों।
सत्गुरु पाया….

नी मैं पुछिया ते कुज वी न बोलया
जदो बोलिया ते सारा भेद खोलिया
उह तां हर दुःख-सुख विच मेरे नाल नी सइयो।
सत्गुरु पाया….


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