पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में भजन
पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में
 वो जरुर आएंगे आपकी बार सावन में
 एक दुसरे का दुःख बाटता नही कोई
 सब यहाँ पे उलझे है अपनी अपनी उलझन में
 वो जरुर आएंगे आपकी बार सावन में 
पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में
जान से भी बढ़कर है उसको कैसे भुलू मै 
वो बसा है इस दिल की एक एक धड़कन में 
वो जरुर आएंगे आपकी बार सावन में 
पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में
जिस्म क्या जवानी क्या जिंदगी लुटा देंगे
 कोई हम को बांधे तो चाहतो के बंधन में
 वो जरुर आएंगे आपकी बार सावन में 
पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में
पंछियों की आवाजे गूंजती है आंगन में
 वो जरुर आएंगे आपकी बार सावन में
