मैहर माई के धाम रे ऊँची पहाड़िया माई शारदा
उड़न खटोले से उड़कर पहुंचू
मैहर माई के धाम रे…
ऊँची पहाड़िया माई शारदा
मैया जी का मुकाम रे
उड़न खटोले से उड़कर पहुंचू
मैहर माई के धाम रे..
चार बजे यहाँ सबसे पहले
आल्हा फुल चढ़ावे..
सारे जगत में आल्हा भगत जी
सबसे पहले ध्यावे..
बड़ी दयालु माई शारदा
पूरण करती काम रे..
उड़न खटोले से उड़कर पहुंचू
मैहर माई के धाम रे..
हे जग वंदन आदि भवानी
ऊँचे पर्वत विराजी..
पूरण मनोरथ करती मैया
पूरण करती काज..
जो भी मैहर धाम है जाये
मिलता बड़ा आराम रे..
उड़न खटोले से उड़कर पहुंचू
मैहर माई के धाम रे..
अनधन रे भंडारे भरती
तू भी चल दरबारी
माई शारदा माई शारदा
बोले चलो जय कारे
सच्चे मन से ध्यान धरे जो
बनते बिगड़े काम रे
उड़न खटोले से उड़कर पहुंचू
मैहर माई के धाम रे..