भजन – मैं हू दासी तेरी दातिए देवी सुनले विनती मेरी दातिए
मैं हू दासी तेरी दातिए देवी सुनले विनती मेरी दातिए
मैं हू दासी तेरी दातिए देवी सुनले विनती मेरी दातिए
मैं हु दासी तेरी दातिए,
सुनले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन रहु,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मेरा प्राणो से प्यारा पति,
मुझे से विछड़े न रूठे कभी,
माता रानी से मेरी आयु लगे
ये मनोकामना है मेरी,
माँ तेरे लाल की मैं हु अर्धागनी,
मैं हु दासी तेरी दातिए…
मैया तू ही मेरी आस है
मेरा तुझपे ही विशवाश है,
आसरा है तेरा मुझपे करना दया
मेरी तुझसे ये अरदास है,
बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,
मैं हु दासी तेरी दातिए,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे | फूल भी ना माँगती हार भी ना माँगती | शेराँ वाली माँ नू मनाइये |
माँ ने खेल रचाया है | मैया नवरात्रों में जब धरती पर आती है | असी फक्कड़ दिवाने जोगी माँ |