
दुनिया के रंग रूप में क्यों हो गया मगन भजन
दुनिया के रंग रूप में,
क्यों हो गया मगन,
आजा आजा आजा शरण,
ले पकड़ माँ के चरण,
दुनिया के रंग रूप में,
क्यों हो गया मगन……
माँ शारदे का प्यार तू,
दिल में में बसा के देख,
हृदय में माँ की ज्योति जरा,
तू जला के देख,
आती है सारी दुनिया जरा,
तू भी आ के देख,
अर्पण तो कर दे चरणों में,
श्रद्धा के कुछ सुमन,
आजा आजा आजा शरण……..
ये धन ये मोह माया की,
नगरी को छोड़ के,
दुनिया के झूठे नातो से,
मुँह अपना मोड़ के,
आ बैठ माँ के सामने,
हाथ अपने जोड़ के,
लिखा करम ना बदलेगी,
कर ले उसे नमन,
आजा आजा आजा शरण.
रहता है खोया खोया सा,
क्यों अपने आप में,
यह तन मिला है इसको ना,
कर व्यर्थ पाप में,
जितना बचा है उसको लगा,
माँ के जाप में,
जगरातियो के साथ में,
कर दो घडी भजन,
आजा आजा आजा शरण,
मेरे हृदय का बाग खिला नाकोड़ा दरबार मिला लिरिक्स
सारे जग में मैय्या सा दरबार नहीं मैय्या जैसा कोई लिरिक्स
- माँ चिंतापुरनी नाल मेरे फिर मैनु चिंता किस गल दी
- छन छन दी आवाज देखो आवे आवे छैना बाजे मंदिर में
- रंग चढ़ गया माँ वाला लाल आज ते कमाल हो गया
- मेरी माँ दे सिर उते लाल चुन्नीयां
- आई है नवरात्रि लिरिक्स (हंसराज रघुवंशी)