माँ चंद्रघण्टा
जय मां चन्द्र घंटा सुख धाम ।पूर्ण कीजो मेरे काम ।
चन्द्र समान तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शान्त बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हों ।चन्द्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुन्दर भाव को लाने वाली। हर संकट में बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये ।श्रद्धा सहित जो विनय सुनाये।
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए । सन्मुख घी की जोत जलाए।
शीश झुका कहे मन की बाता। पूर्ण आस करो जगतदातां
कान्ची पुर स्थान तुम्हारा । करनाटिका में मान तुम्हारा ।
नाम तेरा रटूं महारानी।’चमन’ की रक्षा करो भवानी।
चतुर्थ ‘कूषमांडा सुखधाम’ – माँ कूष्मांडा
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ- चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
- श्री दुर्गा स्तुति प्रारम्भ
- प्रसिद्ध भेंट माता जी की (मैया जगदाता दी)
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श्री दुर्गा स्तुति अध्याय
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