सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आये है लिरिक्स
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आये है लगी कुटिया भी दुल्हन सी मेरे गणराज आये है पखारो इनके चरणों को बहाकर प्रेम की गंगा बिछा दो अपनी पलकों को मेरे गणराज आये है उमड़ आयी मेरी आँखे देखकर अपने बाबा को हुयी रोशन मेरी गलिया मेरे गणराज आये है तुम आकर फिर … Read more