आँवला नवमी किसे कहते हैं

आँवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को ‘आँवला नवमी’ कहते हैं। जैसे नाम से पता चलता है कि इस दिन आँवला वृक्ष की पूजा की जाती है। विधान : प्रातः स्नान करके शुद्ध आत्मा से आँवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठ कर पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद उसकी … Read more

धर्मदेव की पूजा : धनतेरस

धनतेरस का दिन धन की पूजा का दिन है। सचमुच में यह पर्व धन की पूजा अर्थात् धर्म की पूजा का पर्व है। धन जहां लक्ष्मी का प्रतीक है तो धर्म विष्णु का प्रतीक है। जहां विष्णु न होंगे वहां लक्ष्मी भी न होगी। ऐसे ही जहां धर्म न होगा वहां धन भी नहीं रह … Read more

दशहरा – शौर्य और विजय का पर्व है दशहरा

दशहरा भारतवर्ष का एक प्रमुख त्यौहार है। इसका आयोजन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होता है भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाए जाने के कारण इसको ‘विजय दशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा वर्ष को … Read more

भटकते पितरों को मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी

इंदिरा एकादशी भारत में ऋतुओं से सम्बन्धित त्यौहारों के साथ-साथ कई अन्य विषयों से सम्बन्धित त्यौहार भी मनाए जाते हैं। इस तरह जो जीवन-मरण से सम्बधित दिवस होते हैं इनमें इन्दिरा एकादशी भी एक है। भटकते पितरों को गति देने वाली एकादशी को इन्दिरा एकादशी कहते हैं। इन्दिरा एकादशी आश्विन माह की कृष्ण पक्ष में … Read more

शनि ग्रह (अंतर्मन का स्वामी)

शनि ग्रह बहुत क्रोधी स्वभाव का है। सूर्य का पुत्र होने पर भी शनि सूर्य से शत्रुता रखता है। यह भी सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शनि की सक्रियता का प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रभाव उपस्थित रहता है। शनि का वार शनिवार तथा रंग काला है। यह ग्रह नपुंसक है भाव न स्त्री है न … Read more

शुक्र ग्रह (दैत्य गुरु)

शुक्र ग्रह शुक्र ग्रह दैत्यों का गुरु है एवं शुक्र को शुभ ग्रह माना गया है। यह काम, प्रेम और सौंदर्य का देवता है। आग्नेय दिशा का अधिपति है। इसके द्वारा पत्नी-सुख, सौंदर्य, कामेच्छा, वाहन-सुख,संगीत और काव्य आदि का विचार किया जाता है। जन्म कुण्डली में अकेला यह अशुभ प्रभाव jiनहीं देता। शुक्र तुला राशि … Read more

बृहस्पति ग्रह (देवगुरु)

बृहस्पति ग्रह सबका का गुरु है। बृहस्पति को कालपुरुष का ज्ञान माना गया है। ग्रहमंडल में इसको मंत्री का पद प्राप्त है । यह शुभ ग्रह है तथा सुख-समृद्धि, संपदा और प्रतिभा का अधिष्ठाता है। इसकी स्वराशि धनु एवं मीन हैं। यदि इसकी स्थिति प्रतिकूल हो तो जातक को अनेक प्रकार के कार्यों में व्यवधान … Read more

बुध ग्रह (व्यवसाय प्रतिनिधि)

बुध ग्रह का दिन बुधवार है। बुध व्यवसाय का प्रतिनिधि ग्रह है। यह उत्तर दिशा का स्वामी और नपुंसक तथा त्रिदोषकारी है। मनुष्य के शरीर में कंधे से लेकर ग्रीवा तक इसका नियंत्रण होता है। अशुभ बुध के प्रभाव से जातक अविश्वासी,शंकालु और स्वार्थी प्रकृति का हो जाता है, जिसके फलस्वरूप समाज में उसकी प्रतिष्ठा … Read more

मंगल ग्रह – (युद्ध का देवता)

मंगल ग्रह मंगल ग्रह का वार मंगलवार है, रंग लाल है। मंगल चौथे व आठवें घर में अशुभ फलदाई है। जातक रक्त की कमी के कारण अनेक बीमारियों से ग्रस्त रहता है। उसकी आंखें खराब हो जाती हैं। जातक संतान से वंचित रहता है। विवाह संबंधी अड़चनें आती हैं। इसका निवारण अवश्य करवा लेना चाहिए। … Read more

चंद्र ग्रह (सौंदर्य का प्रतीक)

चंद्र ग्रह चंद्र ग्रह का दिन सोमवार है। रंग दूध के समान सफेद हैं। यह राहू से माध्यम एवं केतु से ग्रहण योग बनाता है एवं अशुभ फलदाई होता है। चंद्रमा पीड़ाहारी है। प्रजापति दक्ष ने अपनी २७ (27) कन्याओं का विवाह चंद्रमा से कर दिया था। चंद्रमा की ये २७ पत्नियां ही २७ नक्षत्रों … Read more