तेईसवाँ अध्याय माघ महात्म्य
तेईसवाँ अध्याय माघ महात्म्य वेदनिधि बोला- हे महर्षि! आपने इस पावन प्रसंग को सुनाकर हम सभी पर बहुत उपकार किया है। अब आप कृपा करके उस स्तोत्र को सुनाये जिससे भगवान श्रीहरि ने प्रसन्न होकर देवद्युति को दर्शन दिए थे। तब लोमश जी ने कहा- हे ब्राह्मण! सुपात्र को धर्मोपदेश करने से जो प्रसन्नता होती … Read more