बीसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

बीसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने सनत्कुमार से कहा- हे सनत्कुमार! आपके समक्ष अब त्रयोदशी के दिन के कार्य को कहता हूँ। उस दिन कामदेव की सोलह उपचारों से पूजा करे । अशोक, मालती, पद्म देवप्रिय, कौसुम्भ, बकुल तथा अन्य मादक पुष्प तथा लाल चावल, पीले चन्दन, सुगन्धित शुभ द्रव्य, पौष्टिक जनक द्रव्य और दूसरे … Read more

उन्नीसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

उन्नीसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने कहा- हे महामुने! सावन महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि के रोज जो कार्य करना होगा, उसे मैं कहूँगा, उसे आप सुनिए । हे वत्स ! इस व्रत को मैंने आज तक किसी से भी नहीं कहा। हे विप्र ! उसे आपसे कहूँगा । आप एकाग्र मन से … Read more

अठारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

अठारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य सनत्कुमार ने कहा- हे भगवान, हे पार्वती नाथ, हे दयासिन्धो ! दशमी तिथि के महात्म्य को कहिए। ईश्वर ने कहा- हे सनत्कुमार! सावन महीने की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि के रोज इस व्रत का शुभारम्भ कर प्रति महीने की दशमी तिथि के रोज व्रत करे। इस तरह बारह महीने उत्तम व्रत … Read more

सत्रहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

सत्रहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने सनत्कुमार से कहा- हे देवेश ! अब शुभ पवित्रारोपण कहूँगा। पहली सप्तमी के रोज अधिवासन कर, अष्टमी के रोज पवित्रारोपण करे। जो जीव पवित्र बनवाता है, उसके सुपुण्य का फल सुनो। हे विप्र ! वह सब यज्ञ, व्रत, दान तथा सब तीर्थाधिशेचन का फल प्राप्त कर लेता है, इसमें … Read more

सोलहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

सोलहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य शिवजी ने कहा- हे सनत्कुमार! अब शीतला सप्तमी व्रत कहूँगा। श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष सप्तमी रोज व्रत करे। पहले दीवाल में बावली लिखकर उसमें ‘अशरीरी’ संज्ञक, दिव्य स्वरूपधारी, गिनती के सात जल देवता लिखें। दो लड़कों के सहित, पुरुषत्रय संज्ञित नारी, एक घोड़ा, बैल, नरवाहन सहित पालकी लें। सोलहों उपचार … Read more

पन्द्रहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

पन्द्रहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य सनत्कुमार ने शिव से कहा- हे देवेश! नागों का आश्चर्य जनक पंचमी व्रत मैंने सुना । हे देवेश ! अब आप षष्ठी के रोज किये जाने वाले व्रत को कहें। इस व्रत का क्या नाम तथा क्या विधान है ? शिव ने सनत्कुमार से कहा- हे विपेन्द्र ! श्रावण मास शुक्ल … Read more

चौदहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

चौदहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने सनत्कुमार से कहा- हे महामुने! श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में जो करना चाहिए उसे मैं कहूँगा, उसे आप सुनें । व्रत करने वाला एक बार चतुर्थी को भोजन कर, पंचमी तिथि में ‘नक्तव्रत’ कर सोने या चांदी का नाग निर्माण कर। काठ या मिट्टी की … Read more

तेरहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas

तेरहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य सनत्कुमार ने शिव से कहा- हे भगवान! किस व्रत के करने से अतुल सौभाग्य होता है तथा प्राणी पुत्र, पौत्र, धन और ऐश्वर्य प्राप्त कर सुख भोगता है। हे ईश्वर ! मुझे उन व्रतों में उत्तम व्रत को कहो। यह सुनकर ईश्वर ने सनत्कुमार से कहा । हे सनत्कुमार! त्रैलोक्य प्रसिद्ध … Read more

बारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas dwadash adhyay

बारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने सनत्कुमार से कहा- हे विधतृजा ! अब श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के शुभ ‘स्वर्णगौरी’ व्रत को कहूँगा ! उस दिन सुबह स्नान नित्यकर्म कर संकल्प करे। सोलह उपचार से पार्वती शंकर का अर्चन करे। प्रार्थना करें, हे देव! हे जगत्पते! हे सुरसत्तम मेरे द्वारा की … Read more

ग्यारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas gyarva adhyay

ग्यारहवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य श्रावण महीने की प्रतिपदा तिथि सोमवार युक्त हो तो उस महीने में पांच सोमवार होंगे ऐसे योग का ‘रोटक व्रत’ नाम होगा। उस दिन प्राणी व्रत करे। या साढ़े तीन महीने का भी रोटक व्रत होता है। यह रोटक व्रत लक्ष्मी की वृद्धि करने वाला संपूर्ण कामनाओं और सिद्धि को देने … Read more