भजन बिना तन राख की ढेर है जीवन रैन अँधेरी लिरिक्स
भजन बिना तन राख की ढेर है जीवन रैन अँधेरी भजन बिना तन राख की ढेर है जीवन रैन अँधेरी भजन बिना तन राख की ढेर है जीवन रैन अँधेरी क्यों मुरख मन भटक रहा है लोभ मोह में अटक रहा है भूल रहा भागवत की महिमा मति मारी है तेरी हाय.. जीवन रैन अँधेरी … Read more