वृंदावन | Vrindavan
वृंदावन धाम का सनातन धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है।वृंदावन राधा माधव का वास स्थान है। इ कुंज गलियों में श्रीकृष्ण की मोहिनी सूरत आज भी महसूस की जा सकती है। राधा- कृष्ण की रासलीला का साक्षी वृंदावन उन वैष्णवों का स्थान है जो अपने गृहस्थ जीवन की सुखद अनुभूतियों को भोगने के पश्चात् जीवन में … Read more
सोलह सोमवार व्रत कथा
सोलह सोमवार व्रत कथा कथा : मृत्यु लोक में विवाह करने की इच्छा करके एक समय श्री भूतनाथ महादेव जी माता पार्वती के साथ पधारे वहां वे भ्रमण करते-करते विदर्भ देशातंर्गत अमरावती नाम की अतीव रमणीक नगरी में पहुंचे। अमरावती नगरी अमरपुरी के सदृश सब प्रकार के सुखों से परिपूर्ण थी। उसमें वहां के महाराज … Read more
सोमवार व्रत
सोमवार व्रत सोमवार व्रत विधि सोमवार का व्रत साधारणतया दिन के तीसरे पहर तक होता है। व्रत में फलाहार या पारण का कोई खास नियम नहीं है। किन्तु यह आवश्यक है कि दिन रात में केवल एक समय भोजन करें। सोमवार के व्रत में शिव जी पार्वती का पूजन करना चाहिए। सोमवार के व्रत तीन … Read more
रविवार की आरती
रविवार की आरती कहुं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकि जोति विराजे ॥ टेक सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे हो राम । कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर दीप धरे हो राम । भार उठारह रोमावलि जाके, कहा भयो शिर पुष्प धरे हो राम । छप्पन … Read more
रविवार (इतवार) व्रत और कथा
रविवार (इतवार) व्रत सर्व मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु रविवार का व्रत श्रेष्ठ है। रविवार (इतवार) व्रत विधि इस व्रत की विधि इस प्रकार है। प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शान्तचित्त हो कर परमात्मा का स्मरण करें। भोजन एक समय से अधिक नहीं करना चाहिए। भोजन तथा फलाहार सूर्य के प्रकाश रहते … Read more
देव दीपावली क्या होती है ?
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली का मनाई जाती है। इस दिन वाराणसी में मां गंगा के घाटों पर लाखों दीपक शाम को जलाए जाते हैं। मान्यता है, इस दिवाली को मनाने व देखने के लिए देवी देवता भी पृथ्वी पर उतर आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध … Read more
कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व
कार्तिक पूर्णिमा इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस तथि को भगवान का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन गंगा स्नान, दीप दान आदि का विशेष महत्त्व है। इस दिन यदि कृतिका नक्षत्र हो तो महाकार्तिकी होती है, भरणी होने से विशेष फल देती … Read more
आँवला नवमी किसे कहते हैं
आँवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को ‘आँवला नवमी’ कहते हैं। जैसे नाम से पता चलता है कि इस दिन आँवला वृक्ष की पूजा की जाती है। विधान : प्रातः स्नान करके शुद्ध आत्मा से आँवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठ कर पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद उसकी … Read more