सांवले से कान्हा लिरिक्स ( निखिल वर्मा )
दुनिया क्या अपनी हस्ती को ही मिटा बैठे हैजिस पल हम राधा रानी से दिल को लगा बैठे है दुनिया क्या अपनी हस्ती को ही मिटा बैठे हैजिस पल हम अपने मोहन से दिल को लगा बैठे है हम खोये रहे इनमें है जबसे प्रीत लगी है मोरी एक तरफ है सांवले से कान्हा दूजी … Read more