प्रभु बँधे हुए खींचें हुए चले आयेंगे लिरिक्स

प्रभु बँधे हुए खींचें हुए

प्रभु बँधे हुए खींचें हुए चले आयेंगे प्रभु बँधे हुए खींचें हुए चले आयेंगे, जरा तारों से तारें मिला कर तो देख, जिसने ध्याया उसे मिला वो सीता राम, तर गए पत्थर जिस पर लिखा रघुवर का नाम, तेरी नैया किनारे लग जायेगी, नाम हृदय में उसका बिठा कर तो देख प्रभु बँधे हुए खींचें … Read more

राम से बड़ा राम का नाम अंत में निकला ये परिणाम लिरिक्स

राम से बड़ा राम का नाम अंत में निकला ये परिणाम राम से बड़ा राम का नाम .. अंत में निकला ये परिणाम, ये परिणाम, राम से बड़ा राम का नाम .. सिमरिये नाम रूप विनु देखे, कौड़ी लगे ना दाम, नाम के बांधे खिंचे आयेंगे, आखिर एक दिन राम. राम से बड़ा राम का … Read more

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो लिरिक्स

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आये जो दिन दुखी सब को गले से लगाते चलो जिसका ना कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला जो निर्धन है जो निर्वल है वो है सबका प्यारा प्यार के मोती लुटाते चलो … Read more

राम शरण में आजा तू भी ईर्ष्या सारी छोड़ दे लिरिक्स

राम शरण में आजा तू भी ईर्ष्या सारी छोड़ दे राम शरण में आजा तू भी, ईर्ष्या सारी छोड़ दे, जीवन सफल जो करना है तो, राम से नाता जोड़ ले, जीवन सफल जो करना है तो, राम से नाता जोड़ ले ।। बैर जो पालोगे रघुवर से, हाथ ना कुछ भी आएगा, मेरा मेरा … Read more

हम सब भगवा लहराए दुनिया में मान बढ़ाएं लिरिक्स

हम सब भगवा लहराए दुनिया में मान बढ़ाएं हम सब भगवा लहराए, दुनिया में मान बढ़ाएं, कहो गर्व से हम है हिन्दू, श्री राम के दास कहाए, मेरी शान है भगवा, मेरे हिंदुस्तान के लिए, सब जय श्री राम बोलो, श्री हनुमान के लिए, सब जय श्री राम बोलो, श्री हनुमान के लिए। जो भगवे … Read more

राघव की अदा निराली है दिल छीन लिया उसने मेरा लिरिक्स

राघव की अदा निराली है दिल छीन लिया उसने मेरा राघव की अदा निराली है, दिल छीन लिया उसने मेरा, रघुवर की सूरत प्यारी है,दिल छीन लिया उसने मेरा ।। दिन रात तड़पता रहता हूँ, राघव जी तुम्हारी यादों में, हसकर सब छीन लिया मेरा, जादू है तेरी बातों में, कंधे पे कामर काली है, … Read more

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो लिरिक्स

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो,करुणा के सिंधु मालिक, अपनी विरद बचा लो, मीरा या शबरी जैसा, पाया हृदय ना मैंने, जो है दिया तुम्हारा, लो अब इसे सम्भालो, दर पर तुम्हारें आया, ठुकराओ या उठा लो।। दिन रात अपना अपना, करके बहुत ठगाया, कोई … Read more