दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो लिरिक्स
दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो,करुणा के सिंधु मालिक, अपनी विरद बचा लो, मीरा या शबरी जैसा, पाया हृदय ना मैंने, जो है दिया तुम्हारा, लो अब इसे सम्भालो, दर पर तुम्हारें आया, ठुकराओ या उठा लो।। दिन रात अपना अपना, करके बहुत ठगाया, कोई … Read more