ब्रज में हरि होरी मचाई इतते आवत कुँवरी लिरिक्स
ब्रज में हरि होरी मचाई इतते आवत कुँवरी आज ब्रज में हरि होरी मचाई , इतते आवत कुँवरी राधिका उत्तते कुँवर कन्हाई ,खेलत फाग परस्पर हिलमिल यह सुख बरनि न जाई, घर-घर बजत बधाई आज व्रज में हरि होरी मचाई बाजत ताल मृदंग झांझ ढप मंजीरा और शहनाई उड़ति अबीर कुमकुमा केसरि, रहत सदा व्रज … Read more