जिसने अपनी सोपदी,लाडली दे हाथ डोर

जिसने अपनी सोपदी,लाडली दे हाथ डोर,फिर कभी बिगड़ती ना सुनी, उसकी नंदकिशोर,मुझे एक भरोसा भारी है,मुझे एक भरोसा भारी है ,मेरे संग राधा प्यारी है, मैं जब बरसाने आऊ कुछ बोलो या ना बोलो,मेरी झोली भारती जाती मुंह खोलो या ना खोलू,अंतर मन सबकी जानती है, भीतर तक जानने वाली है,मेरे मन की सब जानती … Read more