श्री अर्गला स्तोत्र – दुर्गा सप्तशती
श्री अर्गला स्तोत्र प्रारम्भ श्रीमार्कण्डेयजी बोले-जयन्ती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालनी, दुर्गा, शिवा, धात्री, स्वाहा, स्वधा आदि देवियों को मेरा नमस्कार हो । हे चामुण्डे देवी! समस्त प्राणियों के दुःख निवारण करने वाली आपकी जय हो। हे सर्व व्यापक देवी कालरात्री ! आपकी जय हो । मधु तथा कैटभ दैत्यों का दलन करने वाली, ब्रह्माजी को … Read more